Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Aug 2021 · 1 min read

सर्पदंश के पहिचान आ बचाव

बरसात में बिसैला सर्प दंश के लक्षण आ बॅंचाव–चौपाई के माध्यम से
***********************
आइल बा बरसात डराईं।
घरे तनी सॅंवकेरे आईं।।
सॉंपन के दिन आइल बाटे।
कतहूॅं केहू के धइ काटे।।१।।

काटे साॅंप चिन्हाई कइसे।
हम बतलावत बानी तइसे।।
दूइ दॉंत गहिरे ले काटल।
गहुवन-करइत बिखिधर छॉटल।।२।।

ढेर दॉंत जब उखरल आई।
ऊ बिखिधर नइखे ए भाई।।
चिन्ता के तब बात न मानीं।
खतरा नइखे रउवा जानीं।।३।।

कुछ लच्छन बा बिखिधर कुल के।
इहाॅं बताईं हलुके – फुलके।।
दॉंत उगल लउकत बटले बा।
देखीं ऊ कबके कटले बा ।।४।।

गाज बहुत निकलेला मुॅंह से।
कुछऊ घोटल जा ना उह से।।
खूब पसेना तन से आवे ।
नस बइठल जा स्याही धावे।।५।।

दॉंते से ना कुछू कुचाला।
गड़ल दॉंत के दर्द बुझाला।।
पलक धसे लउके धुधुराहे।
सॉंस घुटन लागे अगवाहे।।६।।

कटलसि सॉंप करीं कुछ अइसन।
बतलावत बानी हम जइसन।।
धोईं साबुन से ओ ठांवे।
हिले – डुले ना अस्थिर नांवे।।७।।

कस के बन्हीं कुछ ऊपर से।
हास्पीटल पहुॅंचायीं फर से।।
झाड़-फूंक अब मत करवाईं।
एन्टीवेनम के लगवाईं।।८।।

जान बची तब लाखों पाईं।
इष्टदेव के तब गोहराईं।।
आस-पास में रखीं सफाई।
कूड़ा – करकट बील मुनाई।।९।।

**माया शर्मा, पंचदेवरी, गोपालगंज (बिहार)**

Language: Bhojpuri
Tag: छंद
2 Likes · 3 Comments · 511 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तु शिव,तु हे त्रिकालदर्शी
तु शिव,तु हे त्रिकालदर्शी
Swami Ganganiya
नव दीप जला लो
नव दीप जला लो
Mukesh Kumar Sonkar
अपनी इस तक़दीर पर हरपल भरोसा न करो ।
अपनी इस तक़दीर पर हरपल भरोसा न करो ।
Phool gufran
**तीखी नजरें आर-पार कर बैठे**
**तीखी नजरें आर-पार कर बैठे**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पिघलता चाँद ( 8 of 25 )
पिघलता चाँद ( 8 of 25 )
Kshma Urmila
2989.*पूर्णिका*
2989.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
यह कब जान पाता है एक फूल,
यह कब जान पाता है एक फूल,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
National Cancer Day
National Cancer Day
Tushar Jagawat
पुरुष को एक ऐसी प्रेमिका की चाह होती है!
पुरुष को एक ऐसी प्रेमिका की चाह होती है!
पूर्वार्थ
* घर में खाना घर के भीतर,रहना अच्छा लगता है 【हिंदी गजल/ गीत
* घर में खाना घर के भीतर,रहना अच्छा लगता है 【हिंदी गजल/ गीत
Ravi Prakash
साँसों के संघर्ष से, देह गई जब हार ।
साँसों के संघर्ष से, देह गई जब हार ।
sushil sarna
बसंत (आगमन)
बसंत (आगमन)
Neeraj Agarwal
6-जो सच का पैरोकार नहीं
6-जो सच का पैरोकार नहीं
Ajay Kumar Vimal
बारह ज्योतिर्लिंग
बारह ज्योतिर्लिंग
सत्य कुमार प्रेमी
मानवीय कर्तव्य
मानवीय कर्तव्य
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हिंदी सबसे प्यारा है
हिंदी सबसे प्यारा है
शेख रहमत अली "बस्तवी"
■ विनम्र आग्रह...
■ विनम्र आग्रह...
*Author प्रणय प्रभात*
धन्यवाद कोरोना
धन्यवाद कोरोना
Arti Bhadauria
जब सूरज एक महीने आकाश में ठहर गया, चलना भूल गया! / Pawan Prajapati
जब सूरज एक महीने आकाश में ठहर गया, चलना भूल गया! / Pawan Prajapati
Dr MusafiR BaithA
💐Prodigy Love-12💐
💐Prodigy Love-12💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
✍️गहरी बात✍️
✍️गहरी बात✍️
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
जो गुजर रही हैं दिल पर मेरे उसे जुबान पर ला कर क्या करू
जो गुजर रही हैं दिल पर मेरे उसे जुबान पर ला कर क्या करू
Rituraj shivem verma
वन  मोर  नचे  घन  शोर  करे, जब  चातक दादुर  गीत सुनावत।
वन मोर नचे घन शोर करे, जब चातक दादुर गीत सुनावत।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
अविकसित अपनी सोच को
अविकसित अपनी सोच को
Dr fauzia Naseem shad
समस्या है यह आएगी_
समस्या है यह आएगी_
Rajesh vyas
वादा  प्रेम   का  करके ,  निभाते  रहे   हम।
वादा प्रेम का करके , निभाते रहे हम।
Anil chobisa
मन के भाव हमारे यदि ये...
मन के भाव हमारे यदि ये...
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
मातु शारदे वंदना
मातु शारदे वंदना
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
ना अश्रु कोई गिर पाता है
ना अश्रु कोई गिर पाता है
Shweta Soni
फेसबुक पर सक्रिय रहितो अनजान हम बनल रहैत छी ! आहाँ बधाई शुभक
फेसबुक पर सक्रिय रहितो अनजान हम बनल रहैत छी ! आहाँ बधाई शुभक
DrLakshman Jha Parimal
Loading...