Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Sep 2021 · 1 min read

तार

आतमा
इके तार बा…..

जोरि जोन
जिनगी के
मौतवा से
अर…..
मौतवा को
जोरि…

फिरे
नवा सिरजन से ….
•••

Language: Bhojpuri
1 Like · 257 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
View all
You may also like:
#दोहे
#दोहे
आर.एस. 'प्रीतम'
मन के भाव
मन के भाव
Surya Barman
खवाब है तेरे तु उनको सजालें
खवाब है तेरे तु उनको सजालें
Swami Ganganiya
मुक्तक-
मुक्तक-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
दुआ किसी को अगर देती है
दुआ किसी को अगर देती है
प्रेमदास वसु सुरेखा
"मयखाना"
Dr. Kishan tandon kranti
*एक चूहा*
*एक चूहा*
Ghanshyam Poddar
जीना सीख लिया
जीना सीख लिया
Anju ( Ojhal )
हादसे पैदा कर
हादसे पैदा कर
Shekhar Chandra Mitra
साथ
साथ
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ମାଟିରେ କିଛି ନାହିଁ
ମାଟିରେ କିଛି ନାହିଁ
Otteri Selvakumar
3034.*पूर्णिका*
3034.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हिंदी दिवस पर विशेष
हिंदी दिवस पर विशेष
Akash Yadav
गाल बजाना ठीक नही है
गाल बजाना ठीक नही है
Vijay kumar Pandey
हो समर्पित जीत तुमको
हो समर्पित जीत तुमको
DEVESH KUMAR PANDEY
"ज्यादा मिठास शक के घेरे में आती है
Priya princess panwar
बारिश में नहा कर
बारिश में नहा कर
A🇨🇭maanush
मानवीय संवेदना बनी रहे
मानवीय संवेदना बनी रहे
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
वंदेमातरम
वंदेमातरम
Bodhisatva kastooriya
किसानों की दुर्दशा पर एक तेवरी-
किसानों की दुर्दशा पर एक तेवरी-
कवि रमेशराज
आहाँ अपन किछु कहैत रहू ,आहाँ अपन किछु लिखइत रहू !
आहाँ अपन किछु कहैत रहू ,आहाँ अपन किछु लिखइत रहू !
DrLakshman Jha Parimal
*** हमसफ़र....!!! ***
*** हमसफ़र....!!! ***
VEDANTA PATEL
#क्षणिका-
#क्षणिका-
*Author प्रणय प्रभात*
*नई राह पर नए कदम, लेकर चलने की चाह हो (हिंदी गजल)*
*नई राह पर नए कदम, लेकर चलने की चाह हो (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
बेदर्दी मौसम दर्द क्या जाने ?
बेदर्दी मौसम दर्द क्या जाने ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
// जय श्रीराम //
// जय श्रीराम //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
........,?
........,?
शेखर सिंह
प्रकृति हर पल आपको एक नई सीख दे रही है और आपकी कमियों और खूब
प्रकृति हर पल आपको एक नई सीख दे रही है और आपकी कमियों और खूब
Rj Anand Prajapati
समय से पहले
समय से पहले
अंजनीत निज्जर
बुला रही है सीता तुम्हारी, तुमको मेरे रामजी
बुला रही है सीता तुम्हारी, तुमको मेरे रामजी
gurudeenverma198
Loading...