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18 Jul 2021 · 1 min read

करे के मन बा फसाद पियऊ

दिलवा पे छपल बा तुहरा ही नाम, ए रसदार बलमा,
खोलि पढ़ा मिली खूब तुहके अराम, ए रसदार बलमा,

आवा पढ़ाईं दिल के किताब पियऊ॥
आजु करे के मन बा फसाद पियऊ॥
देहिया निहारा जवन हउवे फुलवरिया,
नरम नरम बिछौना से साजल सेजरिया,
होंठवा भरल रस – गुलाब पियऊ॥
आजु करे के मन बा फसाद पियऊ॥
बिंदिया अ काजर ई लटकल नथुनिया,
देखा जातऽ बितल ई सगरो जवनिया,
बतिया पुरान करा याद पियऊ॥
आजु करे के मन बा फसाद पियऊ॥
काहे करे ला तू अब अइसन नदानी,
करेजवा के आगी पे डारि देता पानी,
खोजा का-का भईल राख पियऊ॥
आजु करे के मन बा फसाद पियऊ॥
कुल्हि काज आजु झटके निपटाईब,
लइकन के दादी के पजरीं सुताईब,
फुरसत से करबे आज हिसाब पियऊ,,
आजु करे के मन बा फसाद पियऊ,,
-गोपाल दूबे

Language: Bhojpuri
Tag: गीत
434 Views
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