Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 May 2016 · 1 min read

मेरा साया

अंधेरे में नही होता मेरा साया मेरे पास तब मुझे होता है मेरे होने का अहसास
उजाले में जब घटता -बढता है मेरे साये का आकार
उद्वेलित हो उठते हैं मेरे मन में मेरे लिये मेरे ही विचार
मन कहता है कि ये साया है एक नारी का, जिसका न कोई अस्तित्व ना कोई पहचान है
कर दिए जाते हैं चसपे रिश्ते इसपे और दे दिए जाते सौ नाम है
दिन के उजाले में मुश्किल होता है इन नामों के साये में जीना
क्योंकि हर रिश्ता कहता है कि तुम एक नारी हो तुम्हे ये है मना और ये नहीं करना
सारी हदें तय है तुम्हारे लिये तुम्हे नही है लांघना
तब चिढाता है मुझे मेरा बोना आकार मगर तभी कहता है मेरा विशाल मना
ना करो तुम साये का विश्वास ना डरो तुम साये से और ना ही साये की तरह रखो डर को मन में
करो मजबूत अस्तित्व अपना बनाओ वजूद स्वयं अपना
मिलेगा अस्तित्व तुम्हे भी एक इंसान जितना ….
मिलेगा अस्तित्व तुम्हें भी एक इंसान जितना …।

Language: Hindi
3 Likes · 5 Comments · 594 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पाखी खोले पंख : व्यापक फलक की प्रस्तुति
पाखी खोले पंख : व्यापक फलक की प्रस्तुति
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मियाद
मियाद
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
दलित साहित्य के महानायक : ओमप्रकाश वाल्मीकि
दलित साहित्य के महानायक : ओमप्रकाश वाल्मीकि
Dr. Narendra Valmiki
बसंत (आगमन)
बसंत (आगमन)
Neeraj Agarwal
हँसकर आँसू छुपा लेती हूँ
हँसकर आँसू छुपा लेती हूँ
Indu Singh
चलो
चलो
हिमांशु Kulshrestha
दिनांक - २१/५/२०२३
दिनांक - २१/५/२०२३
संजीव शुक्ल 'सचिन'
दिखावा कि कुछ हुआ ही नहीं
दिखावा कि कुछ हुआ ही नहीं
पूर्वार्थ
"नवाखानी"
Dr. Kishan tandon kranti
हां मैं पागल हूं दोस्तों
हां मैं पागल हूं दोस्तों
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मैं इन्सान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है
मैं इन्सान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है
VINOD CHAUHAN
हर बार धोखे से धोखे के लिये हम तैयार है
हर बार धोखे से धोखे के लिये हम तैयार है
manisha
💐प्रेम कौतुक-304💐
💐प्रेम कौतुक-304💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जिसमें हर सांस
जिसमें हर सांस
Dr fauzia Naseem shad
"एक ख्वाब टुटा था"
Lohit Tamta
मेरे तात !
मेरे तात !
Akash Yadav
हुनर हर जिंदगी का आपने हमको सिखा दिया।
हुनर हर जिंदगी का आपने हमको सिखा दिया।
Phool gufran
चाहो न चाहो ये ज़िद है हमारी,
चाहो न चाहो ये ज़िद है हमारी,
Kanchan Alok Malu
विराम चिह्न
विराम चिह्न
Neelam Sharma
मेरी तू  रूह  में  बसती  है
मेरी तू रूह में बसती है
डॉ. दीपक मेवाती
बूथ लेवल अधिकारी(बीएलओ)
बूथ लेवल अधिकारी(बीएलओ)
gurudeenverma198
हिंदी शायरी का एंग्री यंग मैन
हिंदी शायरी का एंग्री यंग मैन
Shekhar Chandra Mitra
चन्द्र की सतह पर उतरा चन्द्रयान
चन्द्र की सतह पर उतरा चन्द्रयान
नूरफातिमा खातून नूरी
कभी अपने लिए खुशियों के गुलदस्ते नहीं चुनते,
कभी अपने लिए खुशियों के गुलदस्ते नहीं चुनते,
Shweta Soni
अपने हाथ,
अपने हाथ,
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
2470.पूर्णिका
2470.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
खतरनाक होता है
खतरनाक होता है
Kavi praveen charan
*सर्राफे में चॉंदी के व्यवसाय का बदलता स्वरूप*
*सर्राफे में चॉंदी के व्यवसाय का बदलता स्वरूप*
Ravi Prakash
।।अथ श्री सत्यनारायण कथा चतुर्थ अध्याय।।
।।अथ श्री सत्यनारायण कथा चतुर्थ अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
■ बड़ा सवाल...
■ बड़ा सवाल...
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...